RAKHI Saroj

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लेखनी प्रतियोगिता -31-Dec-2022

वो नजरे

वो नजरों में नहीं लेकिन दिल में 
चुभ गया उसका आखिरी एहसास 
मेरी ‌‌सांसों को नम कर गया अपने
एहसास में ‌‌‌‌‌‌बांध‌कर वह ऐसे ‌‌‌‌‌‌गुजरा
जैसे एक नया बंधन मेरी धडकनों को 
साथ जोड़ कर वह किसी ओर का 
होने की तलाश में एक नया मोड़ 
खोज लाया, सोच रही हूं जिंदगी का
रंग कैसे अब उसके नाम करूं
जिसने मुझसे मेरी राह ही छिन ली।
       राखी सरोज 

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9 Comments

Raziya bano

04-Jan-2023 11:33 AM

Nice

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Varsha_Upadhyay

03-Jan-2023 07:44 PM

बेहतरीन

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RAKHI Saroj

03-Jan-2023 08:34 PM

धन्यवाद

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Sachin dev

02-Jan-2023 06:28 PM

Amazing

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RAKHI Saroj

03-Jan-2023 01:48 AM

Thank you

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